क्या पेट में संक्रमण हो गया है? ये घरेलू नुस्ख़े देंगे राहत

अगर आपको पेट में ऐंठन, दस्त, उल्टी, गैस या भारीपन जैसी दिक्कतें महसूस हो रही हैं, तो हो सकता है कि आपको पेट में संक्रमण (Stomach Infection) हो गया हो। पेट का संक्रमण यानी आपके डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट्स के कारण सूजन या इंफेक्शन हो जाना। यह संक्रमण बहुत आम है और हर उम्र के लोगों को हो सकता है।
आमतौर पर यह गंदा खाना, संक्रमित पानी पीने या गलत लाइफस्टाइल की वजह से होता है। लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह डिहाइड्रेशन, कमजोरी और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण भी बन सकता है।
पेट में संक्रमण के लक्षण कैसे पहचानें?
आपके पेट में अगर इंफेक्शन है, तो कुछ कॉमन लक्षण नज़र आ सकते हैं:
- बार-बार दस्त या पतला मल आना
- पेट में मरोड़ या ऐंठन
- मतली या उल्टी महसूस होना
- पेट में गैस बनना और भारीपन लगना
- भूख न लगना
- हल्का बुखार
- कमजोरी और थकान
- शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
अगर ये लक्षण दो दिन से ज़्यादा बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है। इन लक्षणों के अलावा, आपको लगातार कमजोरी महसूस होना, कुछ भी खाने का मन न करना और पेट में भारीपन बने रहना भी संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। कभी-कभी त्वचा पीली पड़ना या आँखों में थकान महसूस होना भी देखा जाता है, खासकर जब संक्रमण लंबे समय तक चला हो। ऐसे में इन संकेतों को हल्के में न लें और समय पर इलाज ज़रूर करें।
पेट के संक्रमण के कारण
आपके पेट में संक्रमण होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं:
- गंदा या बासी खाना खाना
- खुले में मिलने वाला खाना
- संक्रमित पानी पीना
- बार-बार हाथ न धोना और साफ़-सफ़ाई का ध्यान न रखना
- कच्चा या अधपका मांस या अंडा खाना
- दूषित दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन
- कमजोर इम्यूनिटी, जिससे शरीर जल्दी इंफेक्शन पकड़ लेता है
इसके अलावा, ज़्यादा ऑयली खाना या बाहर का तला-भुना खाना बार-बार खाने से भी पेट में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। बच्चों में यह समस्या आमतौर पर तब होती है जब वे गंदे हाथों से कुछ खा लेते हैं। इसलिए बच्चों की साफ-सफाई और खाने की आदतों पर विशेष ध्यान देना ज़रूरी है।
आयुर्वेद में पेट संक्रमण को कैसे देखा जाता है?
आयुर्वेद के अनुसार पेट में संक्रमण तब होता है जब आपकी पाचन अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) कमजोर पड़ जाती है और आम (टॉक्सिन्स) बनना शुरू हो जाता है। ये आम जब आंतों में जमा हो जाता है, तो वह बैक्टीरिया और वायरस का कारण बनता है। इससे वात, पित्त और कफ दोष असंतुलित हो जाते हैं, और पेट की नैचुरल सफाई प्रक्रिया प्रभावित होती है।
आयुर्वेद पेट संक्रमण को ठीक करने के लिए तीन स्तरों पर काम करता है:
- अग्नि को मज़बूत करना
- आम को बाहर निकालना
- दोषों का संतुलन बहाल करना
इसके लिए आयुर्वेद में हर्बल औषधियाँ, डाइट में बदलाव और कुछ विशेष घरेलू उपाय सुझाए जाते हैं।
पेट संक्रमण में क्या खाएँ और क्या न खाएँ?
आपकी डाइट आपकी रिकवरी को बहुत प्रभावित करती है। आइए जानें कि आपको क्या खाना चाहिए और किन चीज़ों से बचना चाहिए।
क्या खाएँ:
- मूँग की दाल की पतली खिचड़ी
- दही या छाछ (अगर उल्टी या दस्त ज़्यादा न हो)
- सेब, केला और पका हुआ पपीता
- नारियल पानी
- हल्का गुनगुना पानी
- जीरे और अजवाइन का पानी
क्या न खाएँ:
- तला-भुना या मसालेदार खाना
- भारी या देर से पचने वाला फूड
- बाहर का खाना या स्ट्रीट फूड
- बहुत ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक्स
- कैफीन और एल्कोहल
पेट संक्रमण में राहत देने वाले आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्ख़े
अगर आपको हल्का संक्रमण है, तो कुछ आयुर्वेदिक नुस्ख़े अपनाकर आप राहत पा सकते हैं।
अदरक का रस और शहद
अदरक पेट की सूजन कम करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। कैसे लें?
- 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लें।
हींग का पानी
हींग में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गैस और इंफेक्शन को कम करते हैं। कैसे लें?
- 1 चुटकी हींग को गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएँ।
बेल का शरबत
बेल की तासीर ठंडी होती है और यह पेट को ठंडक देकर संक्रमण कम करता है। कैसे लें?
- ताज़ा बेल का शरबत बनाकर दिन में 1 बार पिएँ।
अजवाइन और काला नमक
अजवाइन गैस और ऐंठन में आराम देती है। कैसे लें?
- 1/2 चम्मच अजवाइन में चुटकीभर काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें।
धनिया पानी
धनिया में डाइजेस्टिव एंज़ाइम्स होते हैं जो पाचन सुधारते हैं। कैसे लें?
- 1 चम्मच धनिया को रातभर पानी में भिगो दें और सुबह छानकर पिएँ।
गिलोय का काढ़ा
गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाता है और शरीर से आम को बाहर निकालता है। कैसे लें?
- गिलोय की स्टिक को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दिन में 1 बार पिएँ।
घरेलू देखभाल के साथ अपनाएँ ये हेल्दी आदतें
पेट के संक्रमण से जल्दी राहत पाने और दोबारा न होने देने के लिए आपको कुछ जरूरी आदतें अपनानी होंगी:
- खाने से पहले और बाद में हाथ ज़रूर धोएँ
- उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएँ
- बासी खाना बिलकुल न खाएँ
- फ्रिज में रखा खाना दोबारा गर्म करके ही खाएँ
- डेली ओरल और पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें
- डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए योग और प्राणायाम करें
कब जाएँ डॉक्टर के पास?
अगर घरेलू उपायों के बावजूद ये लक्षण बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है:
- 2 दिन से ज़्यादा समय तक लगातार दस्त या उल्टी होना
- पेट में बहुत तेज़ दर्द या सूजन
- बुखार जो कम न हो रहा हो
- मल में खून आना
- अत्यधिक कमजोरी या चक्कर आना
- बार-बार संक्रमण होना
अंतिम विचार
पेट में संक्रमण होना एक आम लेकिन परेशानी भरी स्थिति है। सही समय पर घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप इससे आसानी से राहत पा सकते हैं। अदरक, हींग, गिलोय और बेल जैसे उपाय आपकी पाचन शक्ति को सुधारते हैं और शरीर को जल्दी ठीक करते हैं। साथ ही, अपनी डाइट और सफ़ाई की आदतों में सुधार करके आप भविष्य में इस समस्या से बच सकते हैं।
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